“लेकिन जब साहब आयेंगे तो इस तरह मरियल टट्टू की तरह काम नहीं करना।
2.
फिर उनकी कल्पना किसी मरियल टट्टू की सवारी करने की हिम्मत भी नही करेगी..
3.
कोई मरियल टट्टू बना हुआ फिर रहा है तो कोई अनावश्यक मोटू-पेटू और दमघोटू।
4.
मलाई दिखे तो ये हृष्ट-पुष्ट दिखते हैं और न मिलने की स्थितियों में मरियल टट्टू से भी ज्यादा बीमार दिखते हैं।
5.
अलबत्ता पेड़ की छाँव मे छकड़ा-सा एक इक्का, इक्के के पास थूथड़ी में घास फँसाए मरियल टट्टू और भविष्य के प्रति चिंतित-सी एक मानव काया उसे ज़रूर दिखलाई दी।